मत हो उदास लोगों के बारे में सोचकर, कोई जिंदगी भर साथ नहीं होता। मत हो उदास लोगों के बारे में सोचकर, कोई जिंदगी भर साथ नहीं होता।
अबार्शन है प्यार की हत्या, इसका कौन गुनहगार है। अबार्शन है प्यार की हत्या, इसका कौन गुनहगार है।
उस कब्रगाह में जहां सुकुन से चैन की नींद बसर हो सके मुझे। उस कब्रगाह में जहां सुकुन से चैन की नींद बसर हो सके मुझे।
जिसने है फिर मेरे जख्मों को कुरेदा जिसने है फिर मेरे जख्मों को कुरेदा
नक्शे पा आवाज़ देते हैं उभर कर राह में। आ चला आ तू मुझी पे चल के मंज़िल पाएगा नक्शे पा आवाज़ देते हैं उभर कर राह में। आ चला आ तू मुझी पे चल के मंज़िल पाएगा
जैसे बिन जल तड़पे मछली, वो सागर का पानी सूखा गए। कुछ इस तरह सामने आकर वो रुख पर पर्दा गिरा... जैसे बिन जल तड़पे मछली, वो सागर का पानी सूखा गए। कुछ इस तरह सामने आकर ...